Bharatiya Jnan Parampara Aur Vicharak: India’s Intellectual Heritage and Thinkers by Rajaneesh Kumar Shukla (Hindi Edition)

Bharatiya Jnan Parampara Aur Vicharak: India’s Intellectual Heritage and Thinkers by Rajaneesh Kumar Shukla (Hindi Edition)
Price: ₹364.00
(as of Jul 26,2024 02:16:29 UTC – Details)


From the Publisher

Bharatiya Jnan Parampara Aur Vicharak

Bharatiya Jnan Parampara Aur VicharakBharatiya Jnan Parampara Aur Vicharak

विश्वास है कि अनादि से अनंत तक विस्तृत भारत की ज्ञानयात्रा को समझने में यह लघुतम प्रयास पाठकों को सार्थक लगेगा।

भारत की सनातन-सांस्कृतिक परंपरा समावेशी, करुणाप्रधान एवं समतामूलक रही है। समय के झंझावातों, विदेशी आक्रांताओं के प्रहारों और तकनीक की चकाचौंध ने इसके बाह्य स्वरूप को प्रभावित अवश्य किया है लेकिन मूल रूप में समस्त चराचर जगत् को स्वयं का रूप मानने की भारतीय-दृष्टि आज भी लोकजीवन में अपना स्थान बनाए हुए है। आचार्य रजनीश शुक्ल की यह पुस्तक भारतीय समाज, इतिहास, संस्कृति, राष्ट्र-निर्माण, आत्मनिर्भरता, पत्रकारिता आदि विषयों को सारगर्भित तरीके से प्रस्तुत करती है और ऐसा करते हुए वह गौतमबुद्ध, कबीर, तुलसीदास, गांधी, विनोबा, आंबेडकर, वीर सावरकर और पं. दीनदयाल उपाध्याय जैसे मनीषियों को उद्धृत करते हैं, जिससे उनके विचार एक सनातन ज्ञानपरंपरा के वाहक के रूप में दिखलाई देते हैं।पिछले दो दशकों में पूरे विश्व की सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक संरचना में व्यापक बदलाव आया है। इस परिदृश्य में भारत एक बार फिर से विश्वगुरु बन सकता है—इसमें कोई संदेह नहीं है। हालाँकि कुछ लोग असहमत हो सकते हैं। राष्ट्रीय चिंतक यह मानते हैं कि भारत की सांस्कृतिक विशिष्टता में विश्वगुरु बनने के बीज-तत्त्व विद्यमान हैं। यहाँ का जन अपनी पहचान से भारत को विशिष्ट बनाए हुए है। भारतीय चिंतन और भारतीय दृष्टि मनुष्य को एक संपोष्य जीवन प्रणाली दे सकती है और यही वह कारण है जिससे भारत को विश्वगुरु बनना ही है, इसे कोई रोक नहीं सकता है। इस लघु संग्रह में इसकी पड़ताल करने की कोशिश की गई है। इसमें भारतीय ज्ञानपरंपरा के सनातन प्रवाह की विविध धाराओं के रूप में समझने की कोशिश की गई है। इस धारा को प्रवाहित करने में योगदान करनेवाले कुछ विचारकों की विचार-सरणि का निदर्शन करने का यह एक विनम्र प्रयास भी है।

Rajaneesh Kumar ShuklaRajaneesh Kumar Shukla

Rajaneesh Kumar Shukla

दर्शन जगत् में अपनी विशिष्ट लेखन-संवाद शैली, इतिहासबोध तथा सांस्कृतिक मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध आचार्य रजनीश कुमार शुक्ल वर्तमान में महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति हैं। 25 नवंबर, 1966 को भगवान् बुद्ध की निर्वाण स्थली कुशीनगर (उत्तर प्रदेश) में जनमे आचार्य शुक्ल का अध्ययन महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ व काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी से हुआ। सन् 1991 से संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी में तुलनात्मक धर्म एवं दर्शन विभाग के आचार्य हैं।आचार्य शुक्ल की भारतीय धर्म-दर्शन में गहरी रुचि है। वह संस्कृति-दर्शन, भाषा-दर्शन, कला-दर्शन, तत्त्व-दर्शन, भारती-विद्या एवं साभ्यतिक-विमर्श के परिपृच्छित अध्येता हैं। इनकी वाणी में भारतीय-संस्कृति एवं जीवन-मूल्यों के दर्शन होते हैं। जहाँ एक ओर वह प्रखर राष्ट्रवादी हैं तो वहीं दूसरी ओर सामाजिक समरसता के प्रबल पक्षधर भी।

अन्य प्रसिद्ध कृतियां। ( Click & Buy)

Add to Cart

Add to Cart

Add to Cart

Add to Cart

Customer Reviews

5.0 out of 5 stars
1

5.0 out of 5 stars
1

5.0 out of 5 stars
1

5.0 out of 5 stars
1

4.5 out of 5 stars
2

Price

₹364.00₹364.00 ₹51.45₹51.45 ₹145.00₹145.00 ₹138.06₹138.06 ₹182.00₹182.00 ₹208.00₹208.00

ASIN ‏ : ‎ B08X2D4P1J
Language ‏ : ‎ Hindi
File size ‏ : ‎ 1162 KB
Text-to-Speech ‏ : ‎ Enabled
Screen Reader ‏ : ‎ Supported
Enhanced typesetting ‏ : ‎ Enabled
Word Wise ‏ : ‎ Not Enabled
Print length ‏ : ‎ 160 pages

(Visited 1 times, 1 visits today)

About The Author

You Might Be Interested In

Post A Comment For The Creator: indictube.com

Your email address will not be published. Required fields are marked *