Hindu Dharm Vishwakosh (Hindi)
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Hindu Dharm Vishwakosh (Hindi) by Mahesh Sharma
यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि इस पुस्तक द्वारा हिंदू धर्म एवं उसकी संस्कृति को न केवल जाना जा सकता है वरन् उसे सीखा भी जा सकता है।
हिंदू धर्म को सर्वाधिक प्राचीन और शाश्वत धर्म होने का गौरव प्राप्त है। भारत की लगभग तीन-चौथाई आबादी हिंदू धर्मावलंबी है। दुनिया के दूसरे देशों में भी हजारों हिंदू मतावलंबी रहते हैं। हिंदू धर्म का कोई संस्थापक नहीं है; न ही इसका प्रतिपादन किसी एक व्यक्ति अथवा ईश्वर द्वारा हुआ है—जैसा कि पहले ही कहा गया है—यह शाश्वत धर्म है। हिंदू धर्म में लोग अनेक देवी-देवताओं की पूजा करते हैं। यह इस धर्म की विविधता; उदारता और उदात्तता है कि इसमें नदियों; वृक्षों और पर्वतों को भी देवी-देवताओं की भाँति पूजा जाता है। पूजा; प्रार्थना; आराधना; स्तुति—मार्ग के अंतिम और सर्वोच्च पड़ाव हैं; इसलिए हिंदू धर्म ग्रंथ मोक्ष-प्राप्ति के उपायों से भरे पड़े हैं।प्रस्तुत विश्वकोश हिंदू-धर्म के बारे में व्यापक रूप से प्रकाश डालता है। इससे हिंदू-धर्म के बारे में अब तक अज्ञात कई विषयों के बारे में जानकारी पाई जा सकती है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि इस पुस्तक द्वारा हिंदू धर्म एवं उसकी संस्कृति को न केवल जाना जा सकता है वरन् उसे सीखा भी जा सकता है। हिंदू धर्म के गौरव और श्रेष्ठता को रेखांकित और पुनर्स्थापित करनेवाली पठनीय कृति।
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Mahesh Sharma
हिंदी के प्रतिष्ठित लेखक महेश शर्मा का लेखन कार्य सन् 1983 में आरंभ हुआ, जब वे हाईस्कूल में अध्ययनरत थे। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी से 1989 में हिंदी में स्नातकोत्तर। उसके बाद कुछ वर्षों तक विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के लिए संवाददाता, संपादक और प्रतिनिधि के रूप में कार्य। लिखी व संपादित दो सौ से अधिक पुस्तकें प्रकाश्य। भारत की अनेक प्रमुख हिंदी पत्र-पत्रिकाओं में तीन हजार से अधिक विविध रचनाएँ प्रकाश्य। हिंदी लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए अनेक पुरस्कार प्राप्त, प्रमुख हैं मध्य प्रदेश विधानसभा का गांधी दर्शन पुरस्कार (द्वितीय), पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, शिलाँग (मेघालय) द्वारा डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति पुरस्कार, समग्र लेखन एवं साहित्यधर्मिता हेतु डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान, नटराज कला संस्थान, झाँसी द्वारा लेखन के क्षेत्र में ‘बुंदेलखंड युवा पुरस्कार’, समाचार व फीचर सेवा, अंतर्धारा, दिल्ली द्वारा लेखक रत्न पुरस्कार इत्यादि।संप्रति : स्वतंत्र लेखक-पत्रकार।
अन्य प्रसिद्ध कृतियां।
Hindu Dharma Vishwakosh
भारत की लगभग तीन-चौथाई आबादी हिंदू धर्मावलंबी है। दुनिया के दूसरे देशों में भी हजारों हिंदू मतावलंबी रहते हैं। हिंदू धर्म का कोई संस्थापक नहीं है; न ही इसका प्रतिपादन किसी एक व्यक्ति अथवा ईश्वर द्वारा हुआ है—जैसा कि पहले ही कहा गया है—यह शाश्वत धर्म है। हिंदू धर्म में लोग अनेक देवी-देवताओं की पूजा करते हैं। यह इस धर्म की विविधता; उदारता और उदात्तता है कि इसमें नदियों; वृक्षों और पर्वतों को भी देवी-देवताओं की भाँति पूजा जाता है। पूजा; प्रार्थना; आराधना; स्तुति—मार्ग के अंतिम और सर्वोच्च पड़ाव हैं; इसलिए हिंदू धर्म ग्रंथ मोक्ष-प्राप्ति के उपायों से भरे पड़े हैं।
Sanskritik Prateek Kosh
हमारी संस्कृति के सूत्रधारों, तत्त्ववेत्ता ऋषि-मुनियों तथा मनीषी-विद्वानों ने अपनी कठोर तपस्या एवं प्रखर पांडित्य से पखारकर जो ज्ञान की थाती हमें सौंपी है; हमारे जीवन के सर्वांगीण विकास के लिए जो विधि- विधान बनाए हैं, बताए हैं तथा जो पावन परंपराएँ प्रचलित की हैं, उनका गूढ़ रहस्य समझकर हमें अपनाना चाहिए । ये ही हमारे बहुमुखी विकास की आधारशिलाएँ हैं तथा इन्हीं पर भारतीय संपदा एवं संस्कृति का भव्यतम प्रासाद प्रतिष्ठित होकर प्राणियों के कल्याण का आश्रयस्थल बन सकता है । अपनी थाती को परखकर अपनाने का आह्वान ही इस पुस्तक की सर्जना का उद्देश्य है ।
Bharatiya Ank Prateek Kosh
भारतीय अंक-प्रतीक-कोश ‘ के माध्यम से प्राय: समस्त भारतीय ज्ञान-परंपरा को अंक और संख्या में परंपरा-व्यवस्थित रूप में उपस्थित किया गया है । कोश का कोई भी पृष्ठ उलटिए, आपकी जिज्ञासा कौतूहल में और कौतूहल ज्ञानवर्धक आनंद में स्वत: रूपांतरित होता चला जाएगा । इस कोश की उपयोगिता सामान्य से विशिष्ट जन तक है । जैसे पूजा के समय पंचामृत और पंचगव्य में क्या-क्या पदार्थ हैं, इस तथ्य से आरंभ कर न्याय के 334 प्रकार तक का उल्लेख यहाँ मिलेगा ।
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ASIN : B01MCZCKOJ
Publisher : Prabhat Prakashan (15 February 2020)
Language : Hindi
File size : 5868 KB
Text-to-Speech : Enabled
Screen Reader : Supported
Enhanced typesetting : Enabled
Word Wise : Not Enabled
Print length : 264 pages