Swami Vivekanand Ka Bachpan: Tracing the Early Years of a Spiritual Titan – Unveiling the Childhood that Shaped a Revered Monk (Hindi Edition)

From the Publisher

SWAMI VIVEKANAND KA BACHPAN (Hindi) by RAJEEV RANJAN (Author)

SWAMI VIVEKANAND KA BACHPANSWAMI VIVEKANAND KA BACHPAN

अनेक स्थानों पर उन्होंने अपने व्याख्यानों से युवाओं को प्रभावित ही नहीं किया अपितु उन्हें एक नई दिशा दी।

स्वामी विवेकानंद का भारत में अवतरण उस समय हुआ; जब हिंदू धर्म के अस्तित्व पर संकट के बादल मँडरा रहे थे। पंडा-पुरोहित तथा धर्म के ठेकेदारों के कारण हिंदू धर्म घोर आडंबरवादी तथा पथभ्रष्ट हो गया था। ऐसे विकट समय में स्वामीजी ने हिंदू धर्म का उद्धार कर उसे उसकी खोई प्रतिष्ठा पुन: दिलाई। मात्र तीस वर्ष की आयु में स्वामी विवेकानंद ने शिकागो के विश्वधर्म सम्मेलन में हिंदू धर्म का परचय लहराया और भारत को विश्व के आध्यात्मिक गुरु का स्थान दिलाया।स्वामीजी केवल संत ही नहीं थे; बल्कि एक प्रखर देशभक्त; ओजस्वी वक्ता; गंभीर विचारक; मनीषी लेखक और परम मानव-प्रेमी भी थे। मात्र उनतालीस वर्ष के अपने छोटे से जीवनकाल में उन्होंने जो काम कर दिखाए; वे आनेवाली पीढ़ियों का शताब्दियों तक मार्गदर्शन करते रहेंगे।कवींद्र रवींद्र ने एक बार कहा था—“यदि भारत को जानना चाहते हो तो विवेकानंद को पढ़िए।” हिंदू समाज में फैली कुरीतियों का घोर विरोध करते हुए स्वामीजी ने आह्वान किया था—“उठो; जागो और स्वयं जागकर औरों को जगाओ। अपने नर-जन्म को सफल करो और तब तक रुको नहीं जब तक कि लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।” हमें विश्वास है; ऐस किसी विलक्षण तपस्वी के गुणों को आत्मसात् कर अपना तथा राष्ट्र का कल्याण किया जा सकता है—इसी विश्वास को बल देती है एक अत्यंत प्रेरणादायी पुस्तक—‘युगद्रष्टा स्वामी विवेकानंद’।

*****

अन्य प्रसिद्ध कृतियां।

Customer Reviews — 5.0 out of 5 stars 1 4.7 out of 5 stars 4 4.2 out of 5 stars 62 4.2 out of 5 stars 9 4.5 out of 5 stars 16 Price ₹51.45₹51.45 ₹51.45₹51.45 ₹51.45₹51.45 ₹51.45₹51.45 ₹51.45₹51.45 ₹51.45₹51.45
ASIN ‏ : ‎ B07L8KC11C
Publisher ‏ : ‎ Prabhat Prakashan (10 December 2018)
Language ‏ : ‎ Hindi
File size ‏ : ‎ 1085 KB
Text-to-Speech ‏ : ‎ Enabled
Screen Reader ‏ : ‎ Supported
Enhanced typesetting ‏ : ‎ Enabled
Word Wise ‏ : ‎ Not Enabled
Print length ‏ : ‎ 25 pages