Gyanyog (Hindi)

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Gyanyoga by Swami Vivekananda

GyanyogGyanyog

धार्मिक एकता का संबंध प्रायः जातिगत, जलवायुगत तथा वंशानुगत एकता के संबंधों से भी दृढ़तर सिद्ध होता है।

मानव-जाति के भाग-निर्माण में जितनी शक्तियों ने योगदान दिया है और दे रही हैं, उन सब में धर्म के रूप में प्रगट होनेवाली शक्ति से अधिक महत्त्वपूर्ण कोई नहीं है।सभी सामाजिक संगठनों के मूल में कहीं-न-कहीं यही अद्भुत शक्ति काम करती रही है तथा अब तक मानवता की विविध इकाइयों को संगठित करनेवाली सर्वश्रेष्ठ प्रेरणा इसी शक्ति से प्राप्त हुई है।हम सभी जानते हैं कि धार्मिक एकता का संबंध प्रायः जातिगत, जलवायुगत तथा वंशानुगत एकता के संबंधों से भी दृढ़तर सिद्ध होता है। यह एक सर्वविदित तथ्य है कि एक ईश्वर को पूजनेवाले तथा एक धर्म में विश्वास करनेवाले लोग जिस दृढ़ता और शक्ति से एक-दूसरे का साथ देते हैं, वह एक ही वंश के लोगों की बात ही क्या, भाई-भाई में भी देखने को नहीं मिलता। धर्म के प्रादुर्भाव को समझने के लिए अनेक प्रयास किए गए हैं।अब तक हमें जितने प्राचीन धर्मों का ज्ञान है, वे सब एक यह दावा करते हैं कि वे सभी अलौकिक हैं, मानो उनका उद्भव मानव-मस्तिष्क से नहीं बल्कि उस स्रोत से हुआ है, जो उसके बाहर है।

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अनुक्रम

ज्ञानयोग धर्म की आवश्यकतामनुष्य का यथार्थ स्वरूपमाया और भ्रममाया और ईश्वर धारणा का क्रमविकासमाया और मुक्तिब्रह्म एवं जगत्सभी वस्तुओं में ब्रह्मदर्शनअपरोक्षानुभूतिबहुत्व में एकत्वआत्मा का मुक्त स्वभावविश्व—बृहत् ब्रह्मांडविश्व—सूक्ष्म ब्रह्मांडअमरत्वआत्माआत्मा : उसके बंधन तथा मुक्तिमनुष्य का सत्य और आभासमय स्वरूपसंन्यासी का गीत SWAMI VIVEKANANDASWAMI VIVEKANANDA

स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863 को कलकत्ता में हुआ था।

इनका बचपन का नाम नरेंद्रनाथ था। इनके पिता श्री विश्‍वनाथ दत्त कलकत्ता हाईकोर्ट के एक प्रसिद्ध वकील थे।इनकी माता श्रीमती भुवनेश्‍वरी देवीजी धामर्क विचारों की महिला थीं। बचपन से ही नरेंद्र अत्यंत कुशाग्र बुद्ध के और नटखट थे।रिवार के धामर्क एवं आध्यात्मक वातावरण के प्रभाव से बालक नरेंद्र के मन में बचपन से ही धमर् एवं अध्यात्म के संस्कार गहरे पड़ गए। Click & buy Customer Reviews — 4.6 out of 5 stars 398 4.5 out of 5 stars 714 4.2 out of 5 stars 20 4.6 out of 5 stars 98 4.5 out of 5 stars 209 Price — ₹118.12₹118.12 ₹61.95₹61.95 — ₹90.25₹90.25 ₹99.48₹99.48
ASIN ‏ : ‎ B01N6BMWGD
Publisher ‏ : ‎ Prabhat Prakashan (1 January 2014)
Language ‏ : ‎ Hindi
File size ‏ : ‎ 907 KB
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Word Wise ‏ : ‎ Not Enabled
Print length ‏ : ‎ 215 pages