HIMALAYA KE SANTON KI RAHASYA-GATHA (Hindi Edition)
HIMALAYA KE SANTON KI RAHASYA-GATHA
संत परंपरा ही संपूर्ण विश्व को तमाम विघ्न-कष्टों से बचाकर वास्तविक विकास के मार्ग पर अग्रसर कर सकती है।
पुस्तक के हर प्रसंग में एक अप्रत्यक्ष और अदृश्य शाश्वत शक्ति परिलक्षित होती है। यह पुस्तक एक उन्नत साधक से लेकर आध्यात्मिक पथ के प्रथम जिज्ञासुओं के लिए रोमांचक मार्गदर्शिका है। हिमालयवासी दिव्य संतों के रहस्यों से परिचय कराती आत्मकथा, जिसमें पुनर्जन्म, साधना, आध्यात्मिक उन्नयन आदि की अनसुनी घटनाएँ पाठकों को अचंभित कर देंगी।‘‘मैं तुम्हारे परिवार में लौट रहा हूँ।’’ ‘‘हमने पिछले जन्म में भी साथ गाया है।’’ जैसे वाक्य इस पुस्तक में दृष्टिगोचर होते हैं। यह पुस्तक शरीर से निकलकर सूक्ष्म यात्रा कर पिछले जन्म के संबंधियों को सँभालने जैसे रहस्योद्घाटनों से भरी विस्मयकारी कृति है, जिसको आप अवश्य पढ़ना चाहेंगे।इसमें आपको भौतिकवादी पश्चिम जगत् में प्रेम से ओत-प्रोत लोक-कल्याणार्थ हिमालयवासी भारतीय संतों की गौरवशाली करुणा गाथा का विस्तृत विवरण मिलेगा। साथ ही यह आपको सत्य और धर्म पर आधारित दुःख, पीड़ा और मृत्यु से निवृत्ति दिलाती दिव्य उद्देश्य से भरपूर ईश्वर के चिरसेवकों के चमत्कारों का परिचय भी देगी।अवतारों और अलौकिक महापुरुषों की क्रीड़ाभूमि भारत की अक्षुण्ण संत परंपरा की अत्यंत रोमहर्षक नवीनतम गाथा।
अनुक्रम
प्राक्कथन
प्रस्तावना
स्मृति-संग्रह और आभार
पुस्तक के विषय में कुछ सम्मतियाँ
अभिस्वीकृति
भाग-1 आरंभ
1. एक अज्ञात शक्ति
मेरे प्यारे गुरु श्री स्वामी राम
1. गुरु की शॉल
2. गुरु की तसवीर का रहस्य
3. पुनर्जन्म-1
4. शिष्या की रक्षा
5. शरीर के बाहर आने का अनुभव
6. कनाडा में गृह-प्रवेश की पूजा
7. प्रार्थना बनाम सर्जरी
8. त्रिनिदाद एवं टोबैगो में मेरे अतिथि
9. हिमालय के मिशनरी
10. चमत्कार को नमस्कार
भाग-3 स्वामी 108 हरिहर महाराजजी के प्रसंग
स्वामी 108 हरिहर महाराजजी
1. मेरे ग्रीन कार्ड का रहस्य
2. माँ और उसकी मृत संतान
3. भगवदगीताऔर अनुदान
4. एक अदृश्य संन्यासी
5. मछली पकड़ना और ध्यान
6. एक संन्यासी का त्याग
7. आध्यात्मिक उपचार और अस्थिप्रसर
भाग-4 काशी बाबा से जुड़े प्रसंग
काशी बाबा
1. अंतर्यामी योगी
2. पुनर्जन्म-2
3. गुरु द्वारा अग्नि परीक्षा
भाग-5 स्वामी हरिहरनंद भारती के प्रसंग
स्वामी हरिहरनंद भारती
1. गुरुदेव की आध्यात्मिक शक्तियाँ
2. श्रीवर्म स्कूल में भू-स्खलन
3. योगी और कालीन विक्रेता
4. एक अलौकिक वानर
5. जात-पाँत के शिकार
6. जॉन ओकले टॉक रेडियो
7. एक संन्यासी की सुगंध
8. योगी से मिला. निष्ठुर सबक
9. महिला के कैंसर से निजात
भाग-6 स्वामी आत्मानंद सरस्वती के प्रसंग
स्वामी आत्मानंद सरस्वती
1. सर्दियाँ और एक हिमालयी योगी
2. योगियों का पिता को जीवन-दान
3. गिरजाघर में संन्यासी
भाग-7 श्री सत्य साईं बाबा के प्रसंग
1. श्री सत्य साईं बाबा के भक्त-1
2. श्री सत्य साईं बाबा के भक्त–2
3. श्री सत्य साईं बाबा के भक्त–3
भाग-8 संतजी के प्रसंग
1. प्रेत और एक मासूम बच्ची
मृत्यु का अनुभव
3. तकनीक में फँसी एक आत्मा
4. जड़ी-बूटियों का चमत्कारी उपचार
Continue......
Dr. Sant S. Dharmanand
स्वनामधन्य डॉ. संत एस. धर्मानंद का जन्म त्रिनिदाद एवं टोबैगो के खूबसूरत द्वीप में हुआ, लेकिन वर्तमान में वह अमेरिका के विस्कॉन्सिन शहर में रहते हैं। विदेश में जन्म एवं पालन-पोषण होने के बावजूद वह स्वयं को अपने हृदय और आत्मा से भारत का वासी ही मानते हैं। इसलिए पुस्तक के माध्यम से भारत के प्रति उनका प्रेम समझा जा सकता है। वह न केवल एक संत, बल्कि एक वैज्ञानिक, समाजसेवी, दार्शनिक और संगीतकार हैं। वह श्री स्वामी राम के प्रत्यक्ष शिष्य हैं। उन्होंने कई हिमालयन गुरुओं के सान्निध्य में रहकर अध्ययन किया और ध्यान एवं योग में अपने अभ्यास को गहरा करने के लिए भारत में लंबा समय बिताया है। इसके अलावा वह वर्षों से आधुनिक विज्ञान और तकनीक के साथ हिमालयन ज्ञान को समाहित और संघटित कर विदेशों में उसका प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। साथ ही, नियमित रूप से शिक्षा के क्षेत्र में साधनहीन और जरूरतमंद योग्य विद्यार्थियों की उच्च शिक्षा की व्यवस्था करते हैं।
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SANTON KE PRERAK PRASANG
हमारा देश संत-महात्माओं एवं ऋषिमुनियों का देश है। उनकी सांसारिक पदार्थों में आसक्ति नहीं होती। वे सिर्फ जीने भर के लिए जरूरी चीजों का सीमित मात्रा में उपभोग करते हैं। क्रोध; मान; माया और लोभ से संत का कोई प्रयोजन नहीं है। ऐसा सात्त्विक तपस्वी जीवन सबके लिए अनुकरणीय होता है।
Bharat Ke Mahan Santसंतों की संस्कृति वेदना-संवेदना की संस्कृति है; यथार्थ की धरती पर अवतरित अध्यात्मभाव की संस्कृति है। घोर कष्टों; संकटों; अभावों और घोर अपमानों को सहकर दूसरों को उठाने; खड़ा करने और उन्हें सद्मार्ग दिखाने का महाकर्म है— संतों का जीवन।
Sant Kathayen Marg Dikhayenसमाज में व्यभिचार, हिंसा, ईर्ष्या बढ़ती ही जा रही है। ऐसा नहीं है कि मनुष्यों के अंदर पलनेवाले इन दुर्भावों को नहीं रोका जा सकता, अवश्य रोका जा सकता है, लेकिन इसके लिए आवश्यकता है ऐसी कथाओं की, जो व्यक्तियों को कम समय में एक बड़ी शिक्षा दें और उन्हें भँवर से बाहर निकालें।
Bharatiya Sanskriti ke Rakshak Santइस राजनीतिक पराभव काल में भारत के महान् संतों ने संपूर्ण भारत के गाँव-गाँव में हिंदू जनता को सामाजिक; सांस्कृतिक; धार्मिक एवं आध्यात्मिक रूप से पूरी तरह सुरक्षित रखा। प्रस्तुत पुस्तक में ऐसे स्वनामधन्य पूज्यपाद संतों व उनके जीवन चरित का उल्लेख किया गया है; जिनके कारण भारतीय संस्कृति आज भी संरक्षित है।
ASIN : B099NZWFLT
Publisher : Prabhat Prakashan (16 July 2021)
Language : Hindi
File size : 3308 KB
Text-to-Speech : Enabled
Screen Reader : Supported
Enhanced typesetting : Enabled
Word Wise : Not Enabled
Print length : 328 pages
Devbhoomi Uttarakhand: The Fascinating Cultures of the Central Himalaya
ASIN : B0CNKV7HTR
Publisher : NuVoice Press (16 November 2023)
Language : English
File size : 87611 KB
Text-to-Speech : Enabled
Screen Reader : Supported
Enhanced typesetting : Enabled
X-Ray : Not Enabled
Word Wise : Enabled
Print length : 245 pages