Sabhi Ke Liye Yoga: B.K.S. Lyengar’s Path to Holistic Wellness (Hindi Edition)

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Sabhi Ke Liye Yoga by B.K.S. Iyengar

Sabhi Ke Liye Yoga by B.K.S. IyengarSabhi Ke Liye Yoga by B.K.S. Iyengar

योग सत्र में मुख्य रूप से व्यायाम, ध्यान और योग आसन शामिल होते हैं जो विभिन्न मांसपेशियों को मजबूत करते हैं।

योग - अभ्यास का एक प्राचीन रूप जो भारतीय समाज में हजारों साल पहले विकसित हुआ था और उसके बाद से लगातार इसका अभ्यास किया जा रहा है। इसमें किसी व्यक्ति को सेहतमंद रहने के लिए और विभिन्न प्रकार के रोगों और अक्षमताओं से छुटकारा पाने के लिए विभिन्न प्रकार के व्यायाम शामिल हैं। यह ध्यान लगाने के लिए एक मजबूत विधि के रूप में भी माना जाता है जो मन और शरीर को आराम देने में मदद करता है। दुनियाभर में योग का अभ्यास किया जा रहा है। विश्व के लगभग 2 अरब लोग एक सर्वेक्षण के मुताबिक योग का अभ्यास करते हैं।

योग के फायदे

मांसपेशियों के लचीलेपन में सुधारशरीर के आसन और एलाइनमेंट को ठीक करता हैबेहतर पाचन तंत्र प्रदान करता हैआंतरिक अंग मजबूत करता हैअस्थमा का इलाज करता हैमधुमेह का इलाज करता हैदिल संबंधी समस्याओं का इलाज करने में मदद करता हैत्वचा के चमकने में मदद करता हैशक्ति और सहनशक्ति को बढ़ावा देता हैएकाग्रता में सुधारमन और विचार नियंत्रण में मदद करता हैचिंता, तनाव और अवसाद पर काबू पाने के लिए मन शांत रखता है
ASIN ‏ : ‎ B072X9Z8Q2
Publisher ‏ : ‎ Prabhat Prakashan (1 January 2015)
Language ‏ : ‎ Hindi
File size ‏ : ‎ 6808 KB
Text-to-Speech ‏ : ‎ Enabled
Screen Reader ‏ : ‎ Supported
Enhanced typesetting ‏ : ‎ Enabled
Word Wise ‏ : ‎ Not Enabled
Print length ‏ : ‎ 344 pages
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VIDHYARTHIYON KE LIYE GITA (Hindi Edition)

From the Publisher

Vidhyarthiyon Ke Liye Gita By Acharya Mayaram ‘Patang’

Vidhyarthiyon Ke Liye Gita By Acharya Mayaram ‘Patang’Vidhyarthiyon Ke Liye Gita By Acharya Mayaram ‘Patang’

अपने-पराए और मित्र-शत्रु के मोह से मुक्त होने का ज्ञान हो जाएगा। अधिकांश लोग सेवानिवृत्त होकर गीता पढ़ते हैं।

‘गीता’ कालजयी ग्रंथ है। यह भक्ति के साथ-साथ कर्म की ओर प्रवृत्त करती है। अपने कर्तव्य-पथ से भटक रहे अर्जुन को श्रीकृष्ण ने गीता का ज्ञान देकर ही कर्म-पथ पर प्रवृत्त किया। इसलिए हमारे जीवन में गीता का बहुत व्यावहारिक उपयोग है, महती योगदान है।विद्यार्थी काल में ही गीता का भाव समझ गए तो यह जीवन में पग-पग पर काम आएगा। जीने की कला आ जाएगी। आपत्तियों तथा कष्टकर परिस्थितियों में निराशा नहीं घेरेगी।जब सारा जीवन मोह, लोभ, काम, क्रोध और अहंकार की भेंट चढ़ गया, दुःख और संतापों का ताप सह लिया, तिल-तिल कर मरते रहे, फिर गीता पढ़ी तो क्या लाभ हुआ? पाप और पुण्य कर्मों का फल तो भोगना निश्चित ही हो गया!इस पुस्तक को विशेष रूप से छात्रों-विद्यार्थियों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। गीता के हर अध्याय में जो महत्त्वपूर्ण श्लोक हैं, जिन्हें स्मरण किया जा सके, गाया जा सके, उन्हें संकलित किया गया है।स्पष्ट है कि यह संपूर्ण गीता नहीं है, बल्कि मात्र प्रेरणा है। इसे पढ़कर छात्र सन्मति पाएँ, नैतिक मूल्यों का पालन करते हुए सन्मार्ग पर चलकर जीवन में सफलता के शिखर पर पहुँचें, यही इस पुस्तक के लेखन का उद्देश्य है।विद्यार्थियों के चरित्र-निर्माण तथा कर्तव्य-पथ पर सतत चलने की प्रेरणा देनेवाली एक अनुपम पुस्तक।

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अनुक्रम

अपनी बात

श्रीमद्भगवद्गीता की पृष्ठभूमि

अध्याय-1 युद्धक्षेत्र में दुःखी अर्जुन

अध्याय-2 आत्मा का ज्ञान

अध्याय-3 कर्म का मर्म

अध्याय-4 संसार के ज्ञान से अलग है दिव्य ज्ञान

अध्याय-5 कर्म से शांति और आनंद-प्राप्ति

अध्याय-6 ध्यान कैसे करें?

अध्याय-7 भगवद् ज्ञान का विज्ञान

अध्याय-8 भगवद्-प्राप्ति का साधन

अध्याय-9 राज विद्या का रहस्य

अध्याय-10 श्री भगवान् का ऐश्वर्य जानो

अध्याय-11 भगवान् का विराट् रूप में दर्शन

अध्याय-12 भक्ति से भगवान् मिलते हैं

अध्याय-13 क्षेत्र-क्षेत्रज्ञ कौन है?

अध्याय-14 तीन गुणों से बनी हुई सृष्टि

अध्याय-15 श्रीकृष्ण भगवान् ही पुरुषोत्तम हैं

अध्याय-16 दैवी और दानवी संपत्ति का विभाजन

अध्याय-17 तीन प्रकार की श्रद्धा कौन सी है?

अध्याय-18 संन्यासयोग से मोक्ष प्राप्ति

Acharya Mayaram ‘Patang’Acharya Mayaram ‘Patang’

आचार्य मायाराम ‘पतंग’

जन्म : 26 जनवरी, 1940; ग्राम-नवादा, डाक गुलावठी, जिला बुलंदशहर।शिक्षा : एम.ए. (दिल्ली), प्रभाकर, साहित्य रत्न, साहित्याचार्य, शिक्षा शास्त्री।रचना-संसार : ‘गीत रसीले’, ‘गीत सुरीले’, ‘चहकीं चिडि़या’ (कविता); ‘अच्छे बच्चे सीधे बच्चे’, ‘व्यवहार में निखार’, ‘चरित्र निर्माण’, ‘सदाचार सोपान’, ‘पढ़ै सो ज्ञानी होय’, ‘सदाचार सोपान’ (नैतिक शिक्षा); ‘व्याकरण रचना’ (चार भाग), ‘ऑस्कर व्याकरण भारती’ (आठ भाग), ‘भाषा माधुरी प्राथमिक’ (छह भाग), ‘बच्चे कैसे हों?’, ‘शिक्षक कैसे हों?’, ‘अभिभावक कैसे हों?’ (शिक्षण साहित्य); ‘पढ़ैं नर-नार, मिटे अंधियार’ (गद्य); ‘श्रीराम नाम महिमा’, ‘मिलन’ (खंड काव्य); ‘सरस्वती वंदना शतक’, ‘हमारे विद्यालय उत्सव’, ‘श्रेष्ठ विद्यालय गीत’, ‘चुने हुए विद्यालय गीत’ (संपादित); ‘गीतमाला’, ‘आओ, हम पढ़ें-लिखें’, ‘गुंजन’, ‘उद्गम’, ‘तीन सौ गीत’, ‘कविता बोलती है’ (गीत संकलन); ‘एकता-अखंडता की कहानियाँ’, ‘राष्ट्रप्रेम की कहानियाँ’, ‘विद्यार्थियों के लिए गीता’ एवं ‘आल्हा-ऊदल की वीरगाथा’। Customer Reviews 4.0 out of 5 stars 6 4.3 out of 5 stars 8 3.9 out of 5 stars 22 4.2 out of 5 stars 14 3.9 out of 5 stars 38 Price ₹118.00₹118.00 ₹188.10₹188.10 ₹197.60₹197.60 ₹123.50₹123.50 ₹70.80₹70.80
ASIN ‏ : ‎ B077L19LYZ
Publisher ‏ : ‎ Prabhat Prakashan (17 November 2017)
Language ‏ : ‎ Hindi
File size ‏ : ‎ 2541 KB
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Print length ‏ : ‎ 128 pages