


The Surprising History of the Indus Valley Civilization – The Ancient Roots of Breathing Practices
The Spiritual Practices of the Ninja: Mastering the Four Gates to Freedom
Publisher : Destiny Books; Annotated edition (13 March 2006)
Language : English
Paperback : 224 pages
ISBN-10 : 1594771073
ISBN-13 : 978-1594771071
Item Weight : 363 g
Dimensions : 15.24 x 1.52 x 22.86 cm
Vrat-Upcas ka Mahatva: Significance of Fasting and Spiritual Practices (Hindi Edition)
Vrat-Upcas ka Mahatva(Hindi) by Shashikant ‘Sadaiv’


व्रत-उपवास हमारे आत्मिक बल और स्व-नियंत्रण को बढ़ाते हैं; इंद्रियों को वश में रखने की शक्ति देते हैं।
भले ही व्रत-उपवास का वास्तविक अर्थ कुछ भी हो; लेकिन ये जनमानस में धर्म; आस्था एवं श्रद्धा का प्रतीक हैं। कुछ लोग इसे धर्म के साथ जोड़कर देखते हैं तो कुछ ज्योतिषीय उपायों की तरह लेते हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से इनके अलग लाभ हैं तो मनोविज्ञान की दृष्टि से इनका अपना महत्त्व है। शायद यही कारण है कि व्रत-उपवास का चलन सदियों नहीं; युगों पुराना है। एक तरफ हिंदू शास्त्र व्रत-उपवास जैसे धार्मिक कर्मकांडों की पैरवी करते नजर आते हैं तो दूसरी ओर खुद ही इसी बात पर जोर देते हैं कि भूखे भजन न होय गोपाला; अर्थात् भूखे पेट तो भगवान् का भजन भी नहीं हो पाता।कुछ लोग व्रत-उपवास श्रद्धा से रखते हैं तो कुछ लोग भय से; कुछ लोग शारीरिक स्वास्थ्य के लिए रखते हैं तो कुछ लोग मानसिक शांति के लिए। कारण भले ही कोई हो; लेकिन लोगों के जीवन में व्रत-उपवास का विशेष स्थान है। यह पुस्तक व्रत-उपवासों की महत्ता और उनकी वैज्ञानिकता प्रस्तुत करती है।


शशिकांत ‘सदैव’
शशिकांत ‘सदैव’ विलक्षण एवं विभिन्न प्रतिभाओं के धनी शशिकांत ‘सदैव’ अपने व्यक्तित्व एवं बहुविधि कार्यों के लिए पहचाने जाते हैं। किसी के लिए वे एक आध्यात्मिक, संपादक-पत्रकार हैं तो किसी के लिए लेखक, कवि-शायर। कोई उनकोे उनकी प्रकाशित दो दर्जन पुस्तकों के माध्यम से जानता है तो कोई एफ.एम.-टी.वी. पर मेहमान, विशेषज्ञ के रूप में पहचानता है। वे न केवल कुशल वक्ता हैं, बल्कि एक अच्छे आध्यात्मिक एवं मनोवैज्ञानिक सलाहकार भी हैं। वे पिछले 10 वर्षों से विभिन्न सरकारी-गैर सरकारी संस्थाओं, आश्रमों, स्कूल-कॉलेजों एवं मल्टी नेशनल कंपनियों में लोगों को ध्यान एवं व्यक्तित्व-विकास का प्रशिक्षण दे रहे हैं। पिछले 16 वर्षों से आध्यात्मिक पत्रिका ‘साधना पथ’ में संपादक के रूप में कार्यरत हैं।
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स्वास्थ्य की दृष्टि से इनके अलग लाभ हैं तो मनोविज्ञान की दृष्टि से इनका अपना महत्त्व है। शायद यही कारण है कि व्रत-उपवास का चलन सदियों नहीं, युगों पुराना है। एक तरफ हिंदू शास्त्र व्रत-उपवास जैसे धार्मिक कर्मकांडों की पैरवी करते नजर आते हैं तो दूसरी ओर खुद ही इसी बात पर जोर देते हैं कि भूखे भजन न होय गोपाला, अर्थात् भूखे पेट तो भगवान् का भजन भी नहीं हो पाता। व्रत-उपवास हमारे आत्मिक बल और स्व-नियंत्रण को बढ़ाते हैं; इंद्रियों को वश में रखने की शक्ति देते हैं। कुछ लोग व्रत-उपवास श्रद्धा से रखते हैं तो कुछ लोग भय से, कुछ लोग शारीरिक स्वास्थ्य के लिए रखते हैं तो कुछ लोग मानसिक शांति के लिए। कारण भले ही कोई हो, लेकिन लोगों के जीवन में व्रत-उपवास का विशेष स्थान है। यह पुस्तक व्रत-उपवासों की महत्ता और उनकी वैज्ञानिकता प्रस्तुत करती है।
Navratri Vrat Kaise Karein? by Shashikant ‘Sadaiv’किसी भी प्रकार की साधना के लिए शक्ति का होना जरूरी है और शक्ति की साधना का पथ अत्यंत गूढ़ और रहस्यपूर्ण है और नवरात्र कुछ और नहीं; शक्ति व साधना का ही पर्व है। हम नवरात्र में व्रत इसलिए करते हैं; ताकि अपने भीतर की शक्ति; संयम तथा नियम से सुरक्षित हो सके; उनका अनावश्यक अपव्यय न हो। संपूर्ण सृष्टि में जो ऊर्जा का प्रवाह है; उसे अपने भीतर रखने के लिए स्वयं की पात्रता तथा इस पात्र की स्वच्छता भी जरूरी है। शक्ति को भीतर प्रवेश कराने का ही पर्व है नवरात्र।
GURU KA MAHATTVA by Shashikant ‘Sadaiv’भारत में गुरु-शिष्य-परंपरा सदियों नहीं; युगों पुरानी है; जो आज तक कायम है। गुरु हमेशा से सफल व्यक्तित्व; परिवार; समाज और राष्ट्र की नींव तथा रीढ़ रहे हैं। आज भले ही कुछ ढोंगी बाबाओं के चलते गुरु-संतों को शक की दृष्टि से देखा जा रहा है; परंतु इससे जीवन में गुरु के महत्त्व और उनके योगदान को कम नहीं किया जा सकता; पर ऐसे में कई सवाल अवश्य उठते हैं; जैसे—गुरु कौन है? क्यों आवश्यक है गुरु? क्या पहचान है असली गुरु की? क्या हैं असली शिष्य के लक्षण; आदि? यह पुस्तक आपको 44 विश्वप्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरुओं के माध्यम से यह जानने में मदद तो करती ही है; साथ ही जिन्हें आप गुरु रूप में पूजते व मानते हैं; उनकी स्वयं की दृष्टि में गुरु कौन है तथा कैसे थे उनके अपने गुरु के साथ संबंध; इस विषय पर भी प्रकाश डालती है। जीवन में आध्यात्मिक उत्थान करने का मार्ग प्रशस्त करनेवाली कृति
Customer Reviews 4.0 out of 5 stars 1 3.8 out of 5 stars 5 4.0 out of 5 stars 1 Price ₹117.60₹117.60 ₹51.45₹51.45 ₹138.06₹138.06ASIN : B07P6BXW5S
Publisher : Prabhat Prakashan (6 March 2019)
Language : Hindi
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Print length : 61 pages
Ṛtu Vidyā : Ancient Science behind Menstrual Practices
ASIN : B08P9RL9QJ
Publisher : Notion Press (29 November 2020)
Language : English
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Print length : 351 pages