


Goddess Saraswati: The Divine Source of Knowledge and Wisdom #shorts #hindu #mythology #saraswati
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Introducing Hindu🕉️🪷 Gods#shorts#god
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Shri Saraswati Chalisa (Hindi Edition)
Shri Saraswati Chalisa by Mahesh Sharma


ब्रह्मा जी ने अपने कमंडल में से पृथ्वी पर जल छिड़का। इन जलकणों से चार भुजाओं वाली एक शक्ति प्रकट हुई।
वृहद् भारतीय परंपरा में ज्ञान-विद्या,नृत्य, संगीत, कला आदि की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती का विशिष्ट महत्त्व है इस तथ्य का प्रमाण यह है कि भारतीय मूल के सभी धर्मों में वैदिक,जैन एवं बौद्ध आदि में सरस्वती देवी को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। भगवान विष्णु जी की आज्ञा से जब ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की तो पृथ्वी पूरी तरह से निर्जन थी व चारों ओर उदासी का वातावरण था। इस उदासी को दूर करने के लिए ब्रह्मा जी ने अपने कमंडल में से पृथ्वी पर जल छिड़का। इन जलकणों से चार भुजाओं वाली एक शक्ति प्रकट हुई। इस शक्ति के हाथों में वीणा, पुस्तक व माला थी। ब्रह्मा जी ने शक्ति से वीणा बजाने को कहा ताकि पृथ्वी की उदासी दूर हो।
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जनक जननि पद कमल रज, निज मस्तक पर धारि। बंदौ मातु सरस्वती, बुधि बल दे दातारि।। पूर्ण जगत् में व्याप्त तव, महिमा अमित अनंतु। रामसागर के पाप को, मातु तूही अब हंतु।।
Saraswati Vandana Shatakस्तक में कुल सत्तानबे प्रतिष्ठित कवियों की चुनी हुई वाग्देवी माँ सरस्वती की वंदनाएँ हैं । ' सरस्वती वंदना शतक ' में संकलित सरस्वती चालीसा; सरस्वती महिम्न स्तोत्र और सरस्वती सहस्रनाम पुस्तक की उपादेयता को बढ़ा रहे हैं । भन्न- भन्न लय -छंदों में रचित इन वंदनाओं का वशिष्ट सांगीतिक महत्त्व है । यह पुस्तक विद्यालयों; महाविद्यालयों; पुस्तकालयों; विद्यार्थियों; शिक्षको; विद्वानों; साहित्यकारों हेतु अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी; ऐसा हमारा विश्वास है ।
Maa Saraswatiभगवान विष्णु जी की आज्ञा से जब ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की तो पृथ्वी पूरी तरह से निर्जन थी व चारों ओर उदासी का वातावरण था। इस उदासी को दूर करने के लिए ब्रह्मा जी ने अपने कमंडल में से पृथ्वी पर जल छिड़का। इन जलकणों से चार भुजाओं वाली एक शक्ति प्रकट हुई। इस शक्ति के हाथों में वीणा, पुस्तक व माला थी। ब्रह्मा जी ने शक्ति से वीणा बजाने को कहा ताकि पृथ्वी की उदासी दूर हो।
click & buy Customer Reviews 4.4 out of 5 stars 21 5.0 out of 5 stars 6 5.0 out of 5 stars 2 — Price ₹51.45₹51.45 ₹118.00₹118.00 ₹51.45₹51.45 —ASIN : B08HSDDMNT
Publisher : Prabhat Prakashan (10 September 2020)
Language : Hindi
File size : 497 KB
Text-to-Speech : Enabled
Screen Reader : Supported
Enhanced typesetting : Enabled
Word Wise : Not Enabled
Print length : 5 pages
Swami Dayanand Saraswati (Hindi Edition)
Swami Dayanand Saraswati by Madhur Athaiya


समाज के सभी वर्गों के लिए समान रूप से पठनीय धर्मध्जवाहक स्वामी दयानंद सरस्वती की प्रेरणाप्रद जीवनी।
आर्यसमाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती भारत के प्रख्यात समाज सुधारक; चिंतक और देशभक्त थे। वे बचपन में ‘मूलशंकर’ नाम से जाने जाते थे। महर्षि ने सभी धर्मों में व्याप्त बुराइयों का कड़े शब्दों में खंडन किया और अपने महान् ग्रंथ ‘सत्यार्थप्रकाश’ में उनका विश्लेषण किया। बचपन की एक घटना ने उन्हें उद्वेलित कर दिया और ईश-भक्ति से उनका मोह भंग हो गया; जब उन्होंने देखा कि भगवान् पर चढ़ा भोग चूहे खा रहे हैं; पर भगवान् उन्हें भगाने में अक्षम हैं। जीवन-मृत्यु के प्रश्न उन्हें बचपन से ही मथने लगे थे। माता-पिता उनके विवाह की जुगत लगाने लगे तो सन् 1846 में उन्होंने गृह-त्याग किया और स्वामी विरजानंद को अपना गुरु बनाकर वैदिक साहित्य का अध्ययन किया। शिक्षा व सत्यार्थ पाकर उन्होंने अनेक स्थानों की यात्रा की और धर्म में व्याप्त बुराइयों का तार्किक खंडन किया। कहते हैं कि एक रहस्यमय घटनाक्रम में इन महान् समाज-सेवी; दार्शनिक और प्रखर वक्ता को पिसा काँच और विष देकर मार दिया गया।
अनुक्रम
1 प्रारंभिक जीवन
2 सच्चे योगी की खोज में यात्राएँ
3 प्रथम स्वतंत्रता संग्राम और स्वामी दयानंद
4 गुरु विरजानंद की शरण
5 नवजागरण का सूत्रपात
6 पाखंड-खंडन
7 वैदिक पाठशालाओं की स्थापना
8 आर्य समाज की स्थापना
9 अंतिम चरण की यात्राएँ : विषपान एवं निर्वाण
10 स्वामी दयानंद की वसीयत
11 राष्ट्रवादी एवं लोकतांत्रिक विचार
12 दार्शनिक विचारधारा
13 बंध और मोक्ष
14 स्वामी दयानंद का साहित्य
15 सत्यार्थ प्रकाश : संक्षिप्त परिचय
16 वेदभाष्य
17 पंचमहायज्ञ
18 हिंदी के उन्नायक स्वामी दयानंद
19 स्वामी दयानंद के जीवन के प्रेरक प्रसंग
20 स्वामी दयानंद के विषय में महापुरुषों के विचार
21 स्वामी दयानंद की सूक्तियाँ
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Publisher : Prabhat Prakashan (30 March 2019)
Language : Hindi
File size : 1061 KB
Text-to-Speech : Enabled
Screen Reader : Supported
Enhanced typesetting : Enabled
Word Wise : Not Enabled
Print length : 130 pages