Khandavdah (Krishna Ki Atmakatha Vol. V): Manu Sharma’s Exploration of Lord Krishna’s Epic Tales (Hindi Edition)
Khandavdah (Krishna Ki Atmakatha Vol. V) by Manu Sharma
कर्म; भक्ति; नैतिकता और जीवन-मूल्यों का व्यावहारिक ज्ञान देनेवाली पुस्तक।
भगवान् श्रीकृष्ण का पृथ्वीलोक पर अवतरण ऐसे समय में हुआ था; जब यहाँ पर अन्याय; अधर्म और अनीति का प्रसार हो रहा था। आसुरी शक्तियाँ प्रभावी हो रही थीं और संतों; ऋषि-मुनियों के साथ-साथ सामान्य जनों का जीवन दूभर हो गया था; यहाँ तक कि स्वयं पृथ्वी भी बढ़ते अत्याचारों से त्राहि-त्राहि कर उठी थी।
जीवन को मैंने उसकी समग्रता में जीया है। न मैंने लोभ को छोड़ा; न मोह को; न काम को; न क्रोध को; न मद को ; न मत्सर को। शास्त्रों में जिनके लिए वर्जना थी; वे भी मेरे लिए वर्जित नहीं रहे। सब वंशी की तरह मेरे साथ लगे रहे। यदि इन्हें मैं छोड़ देता तो जीवन एकांगी को जाता। तब मैं यह नहीं कह पाता कि करील के कुंजों में राम रचानेवाला मैं ही हूँ और व्रज के जंगलों में गायें चरानेवाला भी मैं ही हूँ। चाणूर आदि का वधक भी मैं ही हूँ और कालिया का नाथक भी मैं ही हूँ। मेरी एक मुट्ठी में योग है और दूसरी में भोग। मैं रथी भी हूँ और सारथि भी। अर्जुन के मोह में मैं ही था और उसकी मोह-मुक्ति में भी मैं ही था। जब मेघ दहाड़ते रहे; यमुना हाहाकार करती रही और तांडव करती प्रकृति की विभीषिका किसीको कँपा देने के लिए काफी थी; तब भी मैं अपने पूज्य पिता की गोद में किलकारी भरता रहा। तब से नियति न मुझपर पूरी तरह सदय रही; न पूरी तरह निर्दय। मेरे निकट आया हर हर्ष एक संघर्ष के साथ था। कृष्ण के अनगिनत आयाम हैं। दूसरे उपन्यासों में कृष्ण के किसी विशिष्ट आयाम को लिया गया है। किंतु आठ खंडों में विभक्त इस औपन्यासिक श्रृंखला ‘कृष्ण की आत्मकथा’ में कृष्ण को उनकी संपूर्णता और समग्रता में उकेरने का सफल प्रयास किया गया है। किसी भी भाषा में कृष्णचरित को लेकर इतने विशाल और प्रशस्त कैनवस का प्रयोग नहीं किया है। यथार्थ कहा जाए तो ‘कृष्ण की आत्मकथा’ एक उपनिषदीय कृति है। ‘कृष्ण की आत्मकथा श्रृंखला के आठों ग्रंथ’ नारद की भविष्यवाणी दुरभिसंधि द्वारका की स्थापना लाक्षागृह खांडव दाह राजसूय यज्ञ संघर्ष प्रलय
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Publisher : Prabhat Prakashan (4 May 2018)
Language : Hindi
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Inner Alchemy (Tales from the Awareness Journey Series Book 1)
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Publisher : Selvan Srinivasan; 1st edition (29 November 2023)
Language : English
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Print length : 264 pages
Tales of a Spiritual Sun
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Paperback : 200 pages
ISBN-10 : 9362139219
ISBN-13 : 978-9362139214
Item Weight : 163 g
Dimensions : 21.5 x 14 x 1.4 cm
Country of Origin : India
Panchatantra Ki Yadgar Kahaniya: Timeless Tales of Wisdom and Morality (Hindi Edition)
Key Aspects of the Book "Panchatantra Ki Yadgar Kahaniya":
Moral and ethical values: The book highlights the moral and ethical values underlying the stories of Panchatantra, offering valuable insights into Indian philosophy and culture.
Classic literature: The book provides a cultural and historical perspective on the evolution of Indian literature, showcasing the enduring popularity of Panchatantra.
Inspiring Stories: The book tells a range of inspiring and thought-provoking stories, providing valuable lessons for readers of all ages.
Mahesh Dutt Sharma is a writer and cultural historian who has written extensively on Indian literature and culture. "Panchatantra Ki Yadgar Kahaniya" is one of his most popular works.