Yadgar Jatak Kathaye: Ancient Tales of Wisdom and Enlightenment (Hindi Edition)

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Yadgar Jatak Kathaye by Mahesh Dutt Sharma

Yadgar Jatak Kathaye by Mahesh Dutt SharmaYadgar Jatak Kathaye by Mahesh Dutt Sharma

हर आयु वर्ग में पाठकों के लिए पठनीय, संग्रहणीय और अनुकरणीय पुस्तक।

भगवान् बुद्ध के अनुयायी बुद्ध घोष ने लगभग दो हजार वर्ष पहले जातक कथाएँ लिखीं। जातक कथाएँ बौद्ध ग्रंथ त्रिपिटक के सुत्त पिटक के खुद्दकनिकाय का हिस्सा हैं।जातक कथाओं में भगवान् बुद्ध के 547 जन्मों का वर्णन है। कथाओं की विविधता, शैक्षिकता, रोचकता और उपयोगिता को बढ़ाने के लिए इस पुस्तक में भगवान् बुद्ध के पे्ररक प्रसंगों को भी स्थान दिया गया है।कथाओं में पात्रों के रूप में पशु-पक्षियों, मनुष्य, सामाजिक परिवेश, भावनाओं इत्यादि सभी का समावेश भगवान् बुद्ध के विराट् व्यक्तित्व को दरशाता है।इतने सालों बाद आज भी इन अमरकथाओं की प्रासंगिकता जस-की-तस बनी हुई है।इनके अध्ययन और अनुकरण द्वारा कोई भी नीति-निपुण तथा नैतिक ज्ञान-संपन्न हो सकता है, इसमें जरा भी संदेह नहीं है।

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Mahesh Dutt SharmaMahesh Dutt Sharma

महेश दत्त शर्मा

हिंदी के प्रतिष्ठित लेखक महेश दत्त शर्मा का लेखन कार्य सन् 1983 में आरंभ हुआ, जब वे हाईस्कूल में अध्ययनरत थे।बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी से 1989 में हिंदी में स्नातकोत्तर। उसके बाद कुछ वर्षों तक विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के लिए संवाददाता, संपादक और प्रतिनिधि के रूप में कार्य।लिखी व संपादित दो सौ से अधिक पुस्तकें प्रकाश्य। भारत की अनेक प्रमुख हिंदी पत्र-पत्रिकाओं में तीन हजार से अधिक विविध रचनाएँ प्रकाश्य।हिंदी लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए अनेक पुरस्कार प्राप्त, प्रमुख हैं—मध्य प्रदेश विधानसभा का गांधी दर्शन पुरस्कार (द्वितीय), पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, शिलाँग (मेघालय) द्वारा डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति पुरस्कार, समग्र लेखन एवं साहित्यधर्मिता हेतु डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान, नटराज कला संस्थान, झाँसी द्वारा लेखन के क्षेत्र में ‘बुंदेलखंड युवा पुरस्कार’, समाचार व फीचर सेवा, अंतर्धारा, दिल्ली द्वारा लेखक रत्न पुरस्कार इत्यादि।

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भगवान् बुद्ध के अनुयायी बुद्ध घोष ने लगभग दो हजार वर्ष पहले जातक कथाएँ लिखीं। जातक कथाएँ बौद्ध ग्रंथ त्रिपिटक के सुत्त पिटक के खुद्दकनिकाय का हिस्सा हैं। जातक कथाओं में भगवान् बुद्ध के 547 जन्मों का वर्णन है। कथाओं की विविधता; शैक्षिकता; रोचकता और उपयोगिता को बढ़ाने के लिए इस पुस्तक में भगवान् बुद्ध के पे्ररक प्रसंगों को भी स्थान दिया गया है। कथाओं में पात्रों के रूप में पशु-पक्षियों; मनुष्य; सामाजिक परिवेश; भावनाओं इत्यादि सभी का समावेश भगवान् बुद्ध के विराट् व्यक्तित्व को दरशाता है।

Shandar Jatak Kathaye

इतने सालों बाद आज भी इन अमरकथाओं की प्रासंगिकता जस-की-तस बनी हुई है। इनके अध्ययन और अनुकरण द्वारा कोई भी नीति-निपुण तथा नैतिक ज्ञान-संपन्न हो सकता है; इसमें जरा भी संदेह नहीं है। हर आयु वर्ग में पाठकों के लिए पठनीय; संग्रहणीय और अनुकरणीय पुस्तक।

Parsidh Jatak Kathaye

भगवान् बुद्ध के अनुयायी बुद्ध घोष ने लगभग दो हजार वर्ष पहले जातक कथाएँ लिखीं। जातक कथाएँ बौद्ध ग्रंथ त्रिपिटक के सुत्त पिटक के खुद्दकनिकाय का हिस्सा हैं। जातक कथाओं में भगवान् बुद्ध के 547 जन्मों का वर्णन है। कथाओं की विविधता; शैक्षिकता; रोचकता और उपयोगिता को बढ़ाने के लिए इस पुस्तक में भगवान् बुद्ध के पे्ररक प्रसंगों को भी स्थान दिया गया है। कथाओं में पात्रों के रूप में पशु-पक्षियों; मनुष्य; सामाजिक परिवेश; भावनाओं इत्यादि सभी का समावेश भगवान् बुद्ध के विराट् व्यक्तित्व को दरशाता है। इतने सालों बाद आज भी इन अमरकथाओं की प्रासंगिकता जस-की-तस बनी हुई है। इनके अध्ययन और अनुकरण द्वारा कोई भी नीति-निपुण तथा नैतिक ज्ञान-संपन्न हो सकता है; इसमें जरा भी संदेह नहीं है। हर आयु वर्ग में पाठकों के लिए पठनीय; संग्रहणीय और अनुकरणीय पुस्तक।

Yadgar Jatak Kathaye

भगवान् बुद्ध के अनुयायी बुद्ध घोष ने लगभग दो हजार वर्ष पहले जातक कथाएँ लिखीं। जातक कथाएँ बौद्ध ग्रंथ त्रिपिटक के सुत्त पिटक के खुद्दकनिकाय का हिस्सा हैं। जातक कथाओं में भगवान् बुद्ध के 547 जन्मों का वर्णन है। कथाओं की विविधता, शैक्षिकता, रोचकता और उपयोगिता को बढ़ाने के लिए इस पुस्तक में भगवान् बुद्ध के पे्ररक प्रसंगों को भी स्थान दिया गया है। कथाओं में पात्रों के रूप में पशु-पक्षियों, मनुष्य, सामाजिक परिवेश, भावनाओं इत्यादि सभी का समावेश भगवान् बुद्ध के विराट् व्यक्तित्व को दरशाता है।

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Publisher ‏ : ‎ Prabhat Prakashan (16 April 2018)
Language ‏ : ‎ Hindi
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Tales of Man Singh


ASIN ‏ : ‎ B07BFV6ZSD
Publisher ‏ : ‎ Rupa Publications (1 March 2018)
Language ‏ : ‎ English
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Girnar ke Siddha Yogi: Anantrai G. Rawal’s Tales of Spiritual Masters (Hindi Edition)

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Girnar ke Siddha Yogi

Girnar ke Siddha YogiGirnar ke Siddha Yogi

यह पुस्तक लंबे समय तक अध्यात्ममार्गियों का मार्गदर्शन करती रहेगी, इसमें कोई शंका नहीं है।

अनंत दास संघ शिविर में तथा संघ शिक्षा वर्ग में ‘बौद्धिक कक्ष’ में सेवारत होने के कारण संघ साधना के तपस्वी और ऋषितुल्य प्रचारकजी के संग रहे हैं। राष्ट्रभावना के संस्कार उनमें दृढ़ हो गए। महापुरुषों-तपस्वियों के जीवन चरित्रों का वाचन, लेखन, चिंतन और पूर्वाश्रम के संस्कारों के कारण भी वे कभी-कभी स्वयं का जूनागढ़ गिरनार के प्रति अतिशय आकर्षण होना बताते हैं। समय मिलते ही वे यदा-कदा गिरि-कंदराओं में जाकर साधु-संतों के संपर्क में रहते थे; वे गिरनार के प्रति गैबी-प्रेरणा का तीव्र आकर्षण बताते थे और सच ही सेवानिवृत्ति के बाद अनंत दादा ने गिरनार का पथ पकड़कर, गिरनार में न करने वाले श्रेष्ठ तपस्वियों, आदर्श साधु-संतों और आश्रमों में रहकर तप, साधना, विचार, वाचन, चिंतन, अनुभव एवं चमत्कारी अनुभूतियाँ प्राप्त की हैं। उनके परिणामस्वरूप और किसी गैबी शक्ति की प्रेरणा से ‘अमृत फल स्वरूप’, ‘गिरनार के सिद्ध योगी’ पुस्तक का सृजन हुआ है। यथार्थ में, पुस्तक में ‘गिरनार’ के सूक्ष्म स्वरूप का दर्शन करवाकर सभी आध्यात्ममार्गियों की श्रद्धा को पुष्ट किया है और सद्गुरु चरित्र का सटीक वर्णन करके समाज में साधु-संतों की सुंदर पहचान करवाई है। Anantrai G. RawalAnantrai G. Rawal

अनंतराय जी. रावल

अनंतराय जी. रावल का जन्म 26 जून, 1939 को जूनागढ़ जिले के धावागीर गाँव में हुआ। उनके गाँव के लोग प्यार से उन्हें ‘अनुभाई’ कहते हैं। धावागीर गाँव के साधारण मध्यम परिवार में पैदा हुए अनंतरायजी का बड़ा संयुक्त परिवार था। परिवार में चार भाई और पाँच बहनें। कक्षा चार तक अपने गाँव में ही शिक्षा ली। बाद में आगे की शिक्षा वेरावल में और सोमनाथ कॉलेज से क्च्न की डिग्री ली। पोरबंदर के कॉलेज से बी.एड. की डिग्री ली। 30 वर्ष तक अध्यापन कार्य। शिक्षक की पहली नौकरी अमरेली जिला के खांभा गाँव में। वहीं पर कक्षा 8 से कक्षा 12 तक के छात्रों को पढ़ाया। जूनागढ़ का गिरनार पर्वत सबसे प्राचीन पर्वत माना जाता है और शताब्दियों से गिरनार ऋषियों और सिद्ध योगियों की साधना स्थली रहा है। जूनागढ़ के प्रति स्वाभाविक लगाव होने के कारण ऐसे सिद्ध योगियों से लेखक का संपर्क रहा। उन्होंने अपने अनुभवों को इस पुस्तक में सँजोकर पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया है।

Rahasyamaya Girnar (hindi) by Anantrai G. Rawal

Rahasyamaya Girnar (hindi) by Anantrai G. RawalRahasyamaya Girnar (hindi) by Anantrai G. Rawal

अघोर परंपरा के कुछ रहस्य हमें चमत्कार जैसे लगेंगे, मगर वे चमत्कार नहीं वरन् वास्तव में सिद्ध साधुओं के अध्यात्म-अघोर शक्ति का प्रगटीकरण है

अध्यात्म की कोख में पली-बढ़ी, अघोर परंपरा हमारी सांस्कृतिक धरोहर है। अघोर परंपरा आज भी पूर्ण चेतना के साथ विद्यमान है। उसकी गूढ़ बातों में अनेक रहस्य छुपे होते हैं। उसके मंत्र-तंत्र के मूल रहस्यों में अनेकानेक गूढ़ार्थ छुपे होते हैं, जो साधु-परंपरा को एक अलग ही ऊँचाई पर रखते हैं। ‘रहस्यमय गिरनार’ पुस्तक इसी अघोर परंपरा के अध्यात्मपूर्ण रहस्य के नजदीक हमें ले जाती है। अध्यात्म क्षेत्र में हमारी अघोर परंपरा में आज भी सैकड़ोें सिद्ध साधु-योगी अपने तपोबल से एक चुंबकीय प्रभाव पैदा करते रहते हैं। हमारी इस अघोर परंपरा में कैसी अद्भुत शक्ति छिपी है, यह पढ़कर पाठक अचंभित हो जाएँगे। अघोर परंपरा के अनेक अप्रकट रहस्य इस पुस्तक द्वारा हमारे सामने प्रकट होंगे। कुछ गुप्त बातें साधु परंपरा की मर्यादा में रहकर इस पुस्तक के माध्यम से हमारे सामने आती हैं। अघोर परंपरा के कुछ रहस्य हमें चमत्कार जैसे लगेंगे, मगर वे चमत्कार नहीं वरन् वास्तव में सिद्ध साधुओं के अध्यात्म-अघोर शक्ति का प्रगटीकरण है— यह बात कुछ लोगों की समझ के परे है। पाठकों को योग क्रिया, ध्यान, समाधि इत्यादि परंपरा की अनुभूति पुस्तक पढ़ते समय होती रहेगी। भारत के प्राण इस संस्कृति और अध्यात्म शक्ति में छिपे हैं और ऐसी अध्यात्म परंपरा ने ही तो भारत को मृत्युंजयी रखा है—यह गौरवबोध करानेवाली रोचक-रोमांचक कृति|

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DHYAN KI VIDHIYAN by Mahesh Sharma

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Patanjali Yog Sutra by B.K.S. Iyenger

Patanjali Yog Sutra by B.K.S. Iyenger Girnar ke Siddha Yogi by Anantrai G. Rawal

अनंत दास संघ शिविर में तथा संघ शिक्षा वर्ग में ‘बौद्धिक कक्ष’ में सेवारत होने के कारण संघ साधना के तपस्वी और ऋषितुल्य प्रचारकजी के संग रहे हैं। राष्ट्रभावना के संस्कार उनमें दृढ़ हो गए। महापुरुषों-तपस्वियों के जीवन चरित्रों का वाचन; लेखन; चिंतन और पूर्वाश्रम के संस्कारों के कारण भी वे कभी-कभी स्वयं का जूनागढ़ गिरनार के प्रति अतिशय आकर्षण होना बताते हैं। समय मिलते ही वे यदा-कदा गिरि-कंदराओं में जाकर साधु-संतों के संपर्क में रहते थे; वे गिरनार के प्रति गैबी-प्रेरणा का तीव्र आकर्षण बताते थे और सच ही सेवानिवृत्ति के बाद अनंत दादा ने गिरनार का पथ पकड़कर; गिरनार में निवास करने वाले श्रेष्ठ तपस्वियों; आदर्श साधु-संतों और आश्रमों में रहकर तप; साधना; विचार; वाचन; चिंतन; अनुभव एवं चमत्कारी अनुभूतियाँ प्राप्त की हैं। उनके परिणामस्वरूप और किसी गैबी शक्ति की प्रेरणा से ‘अमृत फल स्वरूप’; ‘गिरनार के सिद्ध योगी’ पुस्तक का सृजन हुआ है।

Dhyan by Shameem Khan

ध्यान एक साधारण, लेकिन शक्तिरशाली तकनीक है, जो आपके मस्ति ष्कं को शांत और स्थि र रखती है। आपको केवल यह करना है कि आप अपनी आँखें बंद करके बैठ जाएँ और गहरा आराम अनुभव करें। शुरुआत में थोड़ी कठिनाई होगी, मन यहाँ-वहाँ भटकेगा, लेकिन दृढ-इच्छाबशक्ति से आप मन को काबू में कर लेंगे।

DHYAN KI VIDHIYAN by Mahesh Sharma

ध्यान क्या होता है? और ध्यान करने से क्या होगा? हालाँकि इस छोटे से प्रश्न का उत्तर इतना बड़ा और इतना विराट है कि उसे एक छोटे से अंश में समाहित करना बड़ा गलत होगा, लेकिन फिर भी जो बिल्कुल नया साधक है, योग में बिल्कुल ही नया है, जो बिल्कुल नया प्रशिक्षु ध्यानी है, उसके लिए केवल इतना कहा जा सकता है कि ध्यान का तात्पर्य है—अपने अस्तित्व का बोध करना, अर्थात् अस्तित्व का ज्ञान करना और चारों तरफ जो अस्तित्व विचर रहा है प्रतिपल, उसका बोध करना।

Patanjali Yog Sutra by B.K.S. Iyenger

योगसूत्र एक दर्शन है, जो खोज करनेवालों को (आत्मा) पुरुष का रूप प्रत्यक्ष तौर पर दिखा देता है। जिस प्रकार एक दर्पण किसी के रूप को दिखाता है, उसी प्रकार योगसूत्रों के अनुसार पतंजलि की बताई योग-साधना करने से व्यक्ति को अपने अंदर एक महान् ऋषि जैसे गुण दिखाई पड़ते हैं। योग एक विषय के रूप में किसी महासागर जितना विशाल है। व्यक्ति इसमें जितनी गहराई तक उतरता है, उसे गूढ़ रहस्यों का उतना ही ज्ञान होता जाता है, जो किसी के व्यक्तिगत ज्ञान से परे (अकल्पित ज्ञान) होता है। यह किसी भी व्यक्ति के मस्तिष्क की बुद्धि को और आध्यात्मिक हृदय के ज्ञान को धारदार बनाता है। इसका अभ्यास करनेवाले अपने अंदर सृजनात्मकता का विकास कर पाते हैं। आप अपने दैनिक जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए दृढ विश्वास के साथ योग का अभ्यास करें और सच्चे योगी तथा सच्चा मनुष्य बनने का सुफल प्राप्त करें। जीवन को सार्थक दिशा देनेवाले सूत्रों का संकलन, जो आपके लिए स्वास्थ्य और सफलता के द्वार खोलेंगे|


ASIN ‏ : ‎ B07Y5DVN78
Publisher ‏ : ‎ Prabhat Prakashan (20 September 2019)
Language ‏ : ‎ Hindi
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Print length ‏ : ‎ 310 pages

Tales of a Spiritual Sun


ASIN ‏ : ‎ B0BXQ61CTG
Language ‏ : ‎ English
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Print length ‏ : ‎ 254 pages

Witty Stories of Akbar & Birbal by Ridhima Sharma: Amusing Tales of Wit and Wisdom by Ridhima Sharma

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ASIN ‏ : ‎ B0C2CGWGF7
Publisher ‏ : ‎ Namaskar Books (13 April 2023)
Language ‏ : ‎ English
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Print length ‏ : ‎ 155 pages