Melody of Memories : The ‘German Unity Day’ Song (Tribute By Indian Diaspora) – Questz World
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Melody of Memories : The ‘German Unity Day’ Song (Tribute By Indian Diaspora) – Questz World

Questz World proudly presents ‘Melody of Memories’ − the ‘German Unity Day’ song, a tribute by Indian diaspora, on the occasion of German Reunification. Conceived and crafted by Swagato Gangopadhyay, it also includes lyrical translations in English (Narrations) and German (Subtitles). • Produced & Released By Questz World (https://www.questz.world) • ‘Purano Sei Diner Katha’ (Song) […]

Samarth Guru Ramdas: M.I. Rajasvi’s Tribute to a Spiritual Legend (Hindi Edition)

From the Publisher

Samarth Guru Ramdas (Hindi) by M.I. Rajasvi

Samarth Guru Ramdas (Hindi) by M.I. Rajasvi Samarth Guru Ramdas (Hindi) by M.I. Rajasvi

समर्थ गुरु के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में छत्रपति शिवाजी मराठा साम्राज्य की स्थापना एवं उसकी नींव मजबूत करने में सफल रहे।

भारत के सकल समाज के उद्धार में समर्थ गुरु रामदास का महत्त्वपूर्ण योगदान है। समर्थ गुरु ने युवावस्था में ही ख्याति अर्जित कर ली थी। गुरु रामदास ने ऐसे अनेक दुष्कर एवं असंभव लगनेवाले कार्य किए, जिन्हें संपन्न करने के कारण उन्हें ‘समर्थ गुरु’ कहा गया। लंबे समय के बाद समर्थ गुरु की भेंट छत्रपति शिवाजी से हुई। दोनों ने मिलकर स्वराज की स्थापना का बीड़ा उठाया, जिसमें वे सफल रहे। समर्थ गुरु के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में छत्रपति शिवाजी मराठा साम्राज्य की स्थापना एवं उसकी नींव मजबूत करने में सफल रहे। बिना गुरु के ज्ञान नहीं होता है, गुरु ही सच्चा मार्गदर्शक होता है और वह गुरु समर्थ रामदास जैसा हो तो निस्संदेह शिवा का ही जन्म होता है। वह शिवा जो राष्ट्र का गौरव है, रक्षक है, मार्ग-प्रदर्शक है। प्रस्तुत पुस्तक ‘समर्थ गुरु रामदास’ भारतीय जन-समुदाय के लिए अत्यंत पठनीय है।

अनुक्रम

दो शब्द —Pgs 5

1. तत्कालीन भारत —Pgs 9

2. जन्म और बाल्यकाल —Pgs 16

3. गृह-त्याग —Pgs 30

4. साधना-सिद्धि —Pgs 46

5. माँ से पुनर्मिलन —Pgs 61

6. स्वराज्य की तैयारियाँ —Pgs 77

7. शिवाजी और समर्थ रामदास —Pgs 98

8. शिवाजी को दीक्षा —Pgs 107

9. आनंदवन भुवन —Pgs 115

10. महानिर्वाण —Pgs 126

11. समाज के हितार्थ —Pgs 132

12. समर्थ की साहित्य-निधि —Pgs 144

13. समर्थ का दर्शन —Pgs 152

M.I. RajasviM.I. Rajasvi

M.I. Rajasvi

जन्म : 2 जून, 1967 को ग्राम लाँक, जिला शामली, उत्तर प्रदेश में।शिक्षा : स्नातक (उस्मानिया विश्‍वविद्यालय, हैदराबाद)।कृतित्व : ‘हरियाणा हैरिटेज’ में संपादन कार्य किया। दिल्ली के कई प्रतिष्‍ठित प्रकाशन संस्थानों के लिए वैतनिक एवं स्वतंत्र रूप से संपादन-लेखन कार्य; विभिन्न प्रकाशन संस्थानों से अब तक लगभग 65 पुस्तकें प्रकाशित। देश की सामाजिक समस्याओं पर 10 कहानियाँ एवं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में राजनीतिक-सामाजिक विषयों पर अनेक लेख प्रकाशित।

अन्य प्रसिद्ध कृतियाँ

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Shivaji-Guru Samarth Ramdas

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लंबे समय के बाद समर्थ गुरु की भेंट छत्रपति शिवाजी से हुई। दोनों ने मिलकर स्वराज की स्थापना का बीड़ा उठाया; जिसमें वे सफल रहे। समर्थ गुरु के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में छत्रपति शिवाजी मराठा साम्राज्य की स्थापना एवं उसकी नींव मजबूत करने में सफल रहे। बिना गुरु के ज्ञान नहीं होता है; गुरु ही सच्चा मार्गदर्शक होता है और वह गुरु समर्थ रामदास जैसा हो तो निस्संदेह शिवा का ही जन्म होता है।

Samartha Guru Ramdas

Samartha Guru Ramdas was born in 1606 in village Jamb in Aurangabad district of Maharashtra on the day of Ramnvami. His father; Sri Suryaji Pant; was the worshipper of the sun-god. His mother; Renubai; was a down-to-earth orthodox religious lady. His parents called him ‘Narayan’ in his childhood days.

Shivaji-Guru Samarth Ramdas

जब वे चौबीस वर्ष के थे, तब भारत भ्रमण के लिए निकले; उस समय पूरा उत्तर भारत औरंगजेब के अत्याचारों से त्रस्त था। उन्हें यह एहसास हुआ कि ‘धर्म-संघटन और लोक-संघटन’ होगा तब ही राष्ट्र परतंत्रता से मुकाबला कर सकता है। धर्म-संघटन के लिए ईश्वर संकीर्तन और उसपर श्रद्धा अटूट रखनी होगी; और लोकसंघटन करके लोकशक्ति जाग्रत् करनी होगी। रामदास स्वामी भारत भ्रमण करके महाराष्ट्र पहुँचे तो उन्हें सुखद समाचार मिला। शहाजी राजा तथा जीजाबाई के सुपुत्र शिवाजी ने महाराष्ट्र में दो-चार किले मुसलिमों से जीतकर स्वराज्य का शुभारंभ किया था।

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Publisher ‏ : ‎ Prabhat Prakashan (15 December 2020)
Language ‏ : ‎ Hindi
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Print length ‏ : ‎ 170 pages